युगान्तर : नताशा अरोड़ा | Yugantar : By Natasha Arora Hindi Book
युगान्तर पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : ‘युगान्तर एक स्वप्न है जिस आयु में दादी नानी की परियों की कहानियाँ नन्ही बालिका को आकर्षक स्वप्नलोक में विचरण कराती है. उस कोमलवय में मैंने सुनी देश भक्त दीवानों की कहानियाँ, जान हथेली पर लिए घूमते क्रांतिकारियों की अपूर्व सहनशीलता भरी वीर गाथाएँ सुनीं, एक लाठी लेकर चलने वाले निर्भीक मनीषी के चमत्कारी व्यक्तित्व की अनूठी बातें, कभी अपने बाबा से तो कभी बुआओं से, नानी से तो कभी अपनी माँ से उस समय राष्ट्र उन्मुक्त मलय की रसभीनी सुगंध के निर्मल आनन्द में सराबोर होने लगा था यहुँ ओर नव निर्माण नव सृजन की मंगल ध्वनियों की झंकार थी। किशोरावस्था के विद्यालय के वह मस्ती भरे दिन जहाँ देशगान गूंजते ही रहते थे यह सब कुछ अविस्मरणीय बन गए थे।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | युगान्तर | Yugantar |
| Author | Natasha Arora |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 392 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न पूछिए – मैं यह क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा। जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तब आगे बढ़ें।” चाणक्य
“Before you start some work, always ask yourself three questions – Why am I doing it, What the results might be and Will I be successful. Only when you think deeply and find satisfactory answers to these questions, go ahead.” Chanakya
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