Gatha Laptatantra Ki : By Vibhanshu Divyal Hindi Book | गाथा लपटतंत्र की : विभांशु दिव्याल द्वारा हिंदी पुस्तक
गाथा लपटतंत्र की पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : सुपरिचित वरिष्ठ कथाकार विभांशु दिव्याल का यह नव्यतम उपन्यास उन युवक-युवतियों के नाम समर्पित है जिनकी आंखों में बदलाव के सपने जिंदा हैं।
पार्कनुमा जगह में एक कोने में बैठे लड़कों से शुरू हुई ये कथा आज के समय में समाज और व्यवस्था द्वारा यूं ही छोड़ दिए गए पात्रों की है। अंत तक आते-आते एक चाय की दुकान कर रहा है तो दूसरा नेताजी के अपराध व्यापार में गहरी पैठ बना गया है। तीसरा एक ऑटो ड्राइवर है जो बदलाव के संकल्प में ढल रहा है और उसे यकीन है कि मौजूदा व्यवस्था को मनुष्य ही बदल सकता है। चौथा बुरे धंधों में फंसने के कारण जेल काटकर निकला है और उसे यकीन है कि उसे मुक्ति हनुमानजी की कृपा से मिली है। पांचवां बुखार की स्थिति में सपना देख रहा है। यह सपना एक बड़े परिवर्तन का है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | गाथा लपटतंत्र की | Gatha Laptatantra Ki |
| Author | Vibhanshu Divyal |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 200 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अपना जीवन ऐसे जिये कि आपके बच्चे अपने बच्चों से कह सकें कि आप न केवल किसी प्रशंसनीय निमित्त के समर्थक थे – आप उसका पालन भी करते थे।” ‐ डेन जाद्रा
“Live you life so that your children can tell their children that you not only stood for something wonderful – you acted on it!” ‐ Dan Zadra
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