दुनिया का महान सेल्समैन : ऑग मन्डिनो द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Duniya Ka Mahan Sellesman : by Og Mandino Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | दुनिया का महान सेल्समैन / Duniya Ka Mahan Sellesman |
Author | Og Mandino |
Category | Audiobooks, प्रेरक / Motivational, Business |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 2:38 hrs |
Source | Youtube |
Duniya Ka Mahan Sellesman Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : बहुत समय पहले की बात है सर्दियों का मौसम था , पामीरा के पाथरोस का विशाल व्यापारिक कारवा आराम कर रहा था। पाथरोस दुनिया का महान सेल्समैन था। हाफिद पाथरोस के मवेशियों की देखभाल करता था। हाफिद को अपना काम पसंद नहीं था और वह व्योपारी बनना चाहता था। पाथरोस ने हाफिद को समझाया कि व्योपारी का काम कठिन है लेकिन हाफिद अपनी बात पर डता रहा और कहा “मैंने आपके मुँह से यह कई बार सुना है कि किसी और बिजनेस में अमीर बनने की इतनी संभावना नहीं है, जितनी कि सेल्समैनशिप में इसमें गरीबी से अमीरी का सफर चुटकियों में तय किया जा सकता है।” और “मेरी नजर में गरीबी का मतलब है योग्यता या महत्वाकांक्षा की कमी और में जानता हूँ कि मुझ में न तो योग्यता की कमी है,न ही महत्वाकांक्षा की।”
यह सुनकर पाथरोस ने कहा तुम्हें अब भी यह सिद्ध करना है कि तुममें शब्दों के अलावा भी कुछ दम है, क्योंकि शब्द सिर्फ हवा होते हैं।’ पाथरोस ने हाफिद को एक बेहतरीन वस्त्र दिया जिसे बेथलेहम नाम की जगह पर बेचने के लिए कहा, वहा बहुत गरीब लोग रहते थे और पाथरोस ने कहा मुझे इस वस्त्र का एक चादी का सिक्का चाहिए। यह तुम पर है कि तुम इसे कितने में बेचते हो ।
बेथलेहम में चार दिन बीत गए जिस वस्त्र को लेकर वह करवा से खुशी-खुशी चला था वह अब भी उसके खच्चर पर लदा था, शंकायें उसके मन को विचलित करने लगीं और उसके मन में ये सवाल उठने लगे :-
- लोग मेरी पूरी बात क्यों नहीं सुनते ?
- मैं किस तरह लोगों का ध्यान आकर्षित करूँ ?
- मेरे पाँच शब्द कहने से पहले ही लोग दरवाजा बंद क्यों कर देते हैं ?
- लोग-बाग मेरी बातों में दिलचस्पी क्यों नहीं लेते और थोडी देर में ही क्यों चल देते हैं।
- क्या इस शहर में हर आदमी गरीब है ?
- में उनकी इस बात का क्या जवाब दूं कि माल तो उन्हें बहुत पसंद है, परतु इसे खरीदने के लिये उनके पास पैसे नहीं हैं ?
- इतने सारे लोग मुझसे यह क्यों कहते हैं कि मैं बाद में किसी और समय अपना माल बेचने आऊँ ?
- मुझसे एक वस्त्र नहीं बिक पा रहा है, दूसरे लोग इतना सारा सामान किस तरह बेच लेते हैं ?
- जब भी मैं किसी बंद दरवाजे के पास जाता हूँ तो मुझे इतना डर क्यो लगता है ?
- मैं अपने मन से इस डर को कैसे निकालूँ ?
- कहीं ऐसा तो नहीं कि दूसरे सेल्समैनों की तुलना में मेरे सामान की कीमत ज़्यादा हो?
“आप जो अपने पीछे छोड़ जाते हैं वह पत्थर के स्मारकों पर गढ़ा नहीं बल्कि दूसरों के जीवन की यादों में बसा होता है।” ‐ पेरिकल्स
“What you leave behind is not what is engraved in stone monuments, but what is woven into the lives of others.” ‐ Pericles
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