बापू के पत्र मीरा के नाम / Bapu Ke Patra Meera Ke Naam
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | बापू के पत्र मीरा के नाम / Bapu Ke Patra Meera Ke Naam |
Author | Unknown |
Category | इतिहास / History, Historical, Social |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 393 |
Quality | Good |
Size | 20 MB |
Download Status | Available |
बापू के पत्र मीरा के नाम पुस्तक का कुछ अंश : सूत के कुछ नमूने भेजे और यह पूछा कि क्या मैं आशा रख सकती हूँ कि मुझे आश्रम में ले लिया जायेगा ? पहले पोस्टकार्ड के बाद का पत्र बापू का उत्तर है। उस समय से मेरे आनन्द का कोई पार नहीं रहा और मै आध्यात्मिक आनन्द में लीन रहने लगी। यह आशा की जा सकती थी कि मेरे माता -पिता मुझे स्वदेश न छोड़ने के लिए समझाने की कोशिश करेंगे। ख़ास तौर पर इसलिए की मेरे पिताजी जलसेना के एक सेनापति और……….
“प्रातःकाल का भ्रमण पूरे दिन के लिए वरदान होता है।” ‐ हेनरी डेविड थोरो (१८१७-१८६२), लेखक
“An early-morning walk is a blessing for the whole day.” ‐ Henry David Thoreau (1817-1862), Writer
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