बापू के पत्र मीरा के नाम / Bapu Ke Patra Meera Ke Naam

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बापू के पत्र मीरा के नाम पुस्तक का कुछ अंश : सूत के कुछ नमूने भेजे और यह पूछा कि क्या मैं आशा रख सकती हूँ कि मुझे आश्रम में ले लिया जायेगा ? पहले पोस्टकार्ड के बाद का पत्र बापू का उत्तर है। उस समय से मेरे आनन्द का कोई पार नहीं रहा और मै आध्यात्मिक आनन्द में लीन रहने लगी। यह आशा की जा सकती थी कि मेरे माता -पिता मुझे स्वदेश न छोड़ने के लिए समझाने की कोशिश करेंगे। ख़ास तौर पर इसलिए की मेरे पिताजी जलसेना के एक सेनापति और……….
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | बापू के पत्र मीरा के नाम / Bapu Ke Patra Meera Ke Naam |
| Author | Unknown |
| Category | History Book in Hindi Historical Book in Hindi PDF Social PDF Books In Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 393 |
| Quality | Good |
| Size | 20 MB |
| Download Status | Available |
“गुणवत्ता की कसौटी बनें। कई लोग ऐसे वातावरण के अभ्यस्त नहीं होते जहां उत्कृष्टता अपेक्षित होती है।” स्टीव जॉब्स
“Be a yardstick of quality. Some people aren’t used to an environment where excellence is expected.” Steve Jobs
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