बेताल पचीसी : श्रीप्रसाद द्वारा हिंदी पुस्तक | Betal Pachisi : By Sriprasad Hindi Book
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | बेताल पचीसी | Betal Pachisi |
Author | Shri Prasad |
Category | उपन्यास / Novel, कहानी / Story |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 104 |
Quality | Good |
Download Status | Not for Download |
बेताल पचीसी पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : भारतीय लोक-जीवन में किस्सागोई की परम्परा काफी पुरानी है। लगभग उतनी ही पुरानी जितनी मानव सभ्यता के नागरिक विकास की कहानी है। नागरिक सभ्यता के विकास के बाद मनुष्यों में नैतिक-योग एवं जीवन मूल्यों की स्थापना के लिए ही किस्सागोई के माध्यम से नैतिक शिक्षा से सम्बन्धित कहानियों के वाचन की परम्परा विकसित हुई होगी।
‘बेताल पचीसी’ भी उसी विरल किस्सागोई का अन्यतम उदाहरण है। ये कहानियाँ न सिर्फ मनोरंजक, रोचक और रोमांचक हैं बल्कि एक तरह की नैतिक शिक्षा भी प्रदान करती है। खासकर किशोर उम्र के पाठकों के “मन में नैतिकता और नागरिक मूल्य-बोध के विकास में ये कहानियाँ बेहद सफल हैं और उनके स्वस्थ मनोरंजन का साधन भी डॉ. श्रीप्रसाद ने इन कहानियों को बेहद रोचक भाषा और प्रवाह में प्रस्तुत किया है। ऐसे दौर में जबकि टी.वी. चैनलों की अश्लीलता अपने चरम पर है, आशा की जानी चाहिए कि ये कहानियों किशोर पाठकों का स्वस्थ मनोरंजन करेंगी और उन्हें नैतिक जीवन-मूल्यों की तरफ अग्रसर होने को प्रेरित भी।
“किसी को क्या अच्छा लगता है, वैसा करना खुशी का रहस्य नहीं है, जबकि खुशी का रहस्य तो वह कार्य करना है जो कि किया जाना चाहिए।” ‐ जेम्स एम. बुर्री
“The secret of happiness is not doing what one likes, but liking what one has to do.” ‐ James M. Burrie
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