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कैसी आगी लगाई : असगर वजाहत | Kaisi Aagi Lagai : By Asghar Wajahat Hindi Book

कैसी आगी लगाई : असगर वजाहत | Kaisi Aagi Lagai : By Asgar Vjahat Hindi Book
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कैसी आगी लगाई पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : उपन्यास का महत्व दरअसल आजकल भी इसलिए बना हुआ है कि उपन्यास एक समानान्तर जीवन की परिकल्पना करते हैं। इस सन्दर्भ में असगर वजाहत के उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ में जीवन की विज्ञद व्याख्या है, जीवन का विस्तार है और तमाम अन्तर्विरोधों के बीच से मानव-गरिमा और श्रेष्ठता के कलात्मक संकेत मिलते हैं।
पिछले तीस साल से कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से अपनी विशेष पहचान बना चुके असगर वजाहत ने ‘कैसी आगी लगाई में विविधताओं से भरा एक जीवन हमारे सामने रखा है। यह जीवन विना किसी शर्त पाठक के सामने सुलता चला जाता है। कहीं-कहीं बहुत संविदनशील और वर्जित माने जानेवाले क्षेत्रों में उपन्यासकार पाठक को बड़ी कलात्मकता और सतर्कता से ले जाता है और कुछ ऐसे प्रसंग सामने आते हैं जो सम्भवतः हिन्दी उपन्यास में इससे पहले नहीं आए हैं।
उपन्यास का ढाँचा परम्परागत है लेकिन दर्शक के सामने विभिन्न प्रसंग जिस तरह खुलते हैं, वह अत्यन्त कलात्मक है. एक व्यापक जीवन में लेखक जिस प्रसंग को उठाता है उसे जीवन्त बना देता है।

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पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name कैसी आगी लगाई | Kaisi Aagi Lagai
Author
CategoryNovel Book in Hindi PDF
Language
Pages 398
Quality Good
Download Status Not for Download
“तुच्छ व्यक्तियों या क्षुद्र जिंदगियों जैसी कोई चीज़ जिस तरह से नहीं होती, ठीक वैसे ही तुच्छ काम जैसी भी कोई चीज़ नहीं होती।” ‐ एलेना बोनर, एलोन टुगेदर
“Just as there are no little people or unimportant lives, there is no insignificant work.” ‐ Elena Boner, Alone Together

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