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लज़ीज़ मांसाहारी व्यंजन : सुधा माथुर | Laziz Masahari Vyanjan : By Sudha Mathur Hindi Book

लज़ीज़ मांसाहारी व्यंजन : सुधा माथुर | Laziz Masahari Vyanjan : By Sudha Mathur Hindi Book
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लज़ीज़ मांसाहारी व्यंजन पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मांसाहारी भोजन को एक विशेष भोजन के रूप में समूचे विश्व में स्वीकार किया जाता है। मांसाहार के पीछे कहीं वहां की भौगोलिक परिस्थितियां कारण हैं, तो कई उसे स्वाद के लिए खाते हैं। विशेषज्ञों की राय है कि मांसाहारी भोजन से व्यक्ति को आसानी से वह सब कुछ मिल जाता है, जो उसके शरीर के लिए जरूरी है।
व्यंजन का अर्थ ही है, जिसे देखकर, जिसकी खुशबू से ही मन में खुशी की लहर दौड़ जाए। प्रस्तुत पुस्तक में भी यही प्रयास किया गया है कि किस प्रकार हम एक ही वस्तु का स्वाद अलग-अलग रूपों में ले सकते हैं। इतना ही नहीं, साथ ही यह भी बताने की कोशिश की गई है, कि अपने मेहमानों के सामने लजीज व्यंजनों को आप कैसे पेश करें और यह भी कि अमुक व्यंजन किसके साथ और भी अधिक स्वादिष्ट लगेगा।
पुस्तक में ऐसे मांसाहारी व्यंजनों को बनाने की विधियां भी दी गई हैं, जिनका स्वाद लेने के लिए हमें होटलों या रेस्तराओं में जाना पड़ता है। एक तो इनमें जाना महंगा बहुत पड़ता है, दूसरे मन में कहीं-न-कहीं यह शक बना रहता है कि जो हम खा रहे हैं, वह सही भी है या नहीं। मिलावट का फैलाव किसी से छिपा नहीं है।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name लज़ीज़ मांसाहारी व्यंजन | Laziz Masahari Vyanjan
Author
Categoryमांसाहारी व्यंजन / Non-vegetarian Dishes Hindi Books Food and Drinks Book in Hindi PDF
Language
Pages 120
Quality Good
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“हर सुबह जब मैं अपनी आंखे खोलता हूं तो अपने आप से कहता हूं कि आज मुझमें स्वयं को खुश या उदास रखने का सामर्थ्य है न कि घटनाओं में। मैं इस बात को चुन सकता हूं कि यह क्या होगी। कल तो जा चुका है, कल अभी आया नहीं है। मेरे पास केवल एक दिन है, आज तथा मैं दिन भर प्रसन्न रहूंगा।” ग्रोचो मार्क्स
“Each morning when I open my eyes I say to myself: I, not events, have the power to make me happy or unhappy today. I can choose which it shall be. Yesterday is dead, tomorrow hasn’t arrived yet. I have just one day, today, and I’m going to be happy in it.” Groucho Marx

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