प्रायश्चित : साधना श्रीवास्तव योगेश | Prayaschit : By Sadhna Srivastava Yogesh Hindi Book
प्रायश्चित पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : कहानी-संग्रह ‘प्रायश्चित’ आपके हाथों में है मैं कोई समाज सुधारिका नहीं हूँ और न किसी समाज सुधारक संस्था से जुड़ी हूँ हाँ समाज में व्याप्त दुर्गंधपूर्ण आचरण एवं आतंकवादी प्रवृत्तियों की तरफ मेरा ध्यान बरबस खिंच जाता है। आज शुद्ध मानवीय एवं सद्विचारों का मनुष्य में सर्वथा अभाव है। चारों ओर चोरी, डकैती और आतंक से समाज त्रस्त है स्वार्थ, नासमझी व दूषित विचारों को अपने अंदर पनपने से रोकने में आज का मानव अक्षम है। कहानी संग्रह ‘प्रायश्चित’ कुछ ऐसा ही दर्शाता है।
मेरा हमेशा यही प्रयास रहा है कि समाज से जुड़े सवालों को मैं अपनी कहानी के माध्यम से सुलझा सकूँ। अतः मुख्यतः सामाजिक मुद्दे ही मेरी कहानियों के अंश हैं ऐसी कहानियाँ जो समाज की बुराइयों को दूर कर सकने में सक्षम हों तथा जिनसे अच्छे विचारों का जन्म हो मैं अपनी कहानियों को ही अपनी ताकत समझती हूँ, क्योंकि मेरे लिए यही प्रमुख जरिया है जिससे मैं लोगों को अपने विचारों व आकांक्षाओं से अवगत करा सकूँ।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | प्रायश्चित | Prayaschit |
| Author | साधना श्रीवास्तव योगेश / Sadhna Srivastava Yogesh |
| Category | कहानी संग्रह / Story Collections Fiction Book in Hindi PDF Kahani Sangrah Book in Hindi PDF Literature Book in Hindi Motivational Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 152 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“कहे और लिखे गए शब्दों में सबसे दुखद हैं – ‘ऐसा हो सकता था’।” ‐ जॉन ग्रीनलीफ व्हिटियर
“Of all the words of tongue and pen – the saddest are these -’It might have been’.” ‐ John Greenleaf Whittier
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












