सावरकर मिथक और सच : शम्सुल इस्लाम | Savarkar Mithak Aur Sach : By Shamsul Islam Hindi Book
सावरकर मिथक और सच पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : लालकृष्ण आडवाणी ने पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नामकरण विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर करके और संसद के केंद्रीय कक्ष में महात्मा गांधी के चित्र के सामने सावरकर का चित्र लगवा कर उन्हें भारतीय स्वाधीनता संग्राम का नायक बनाने की जो कोशिश की वह एक शातिराना चाल ही थी। उन्होंने शायद यह सोच लिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पाँच साल के शासन ने लोगों की याददाश्त को इतना भ्रष्ट कर दिया है कि ये सच्चाई को भूल चुके हैं। स्वाधीनता संघर्ष के मूल्यों, खासकर भारतीय इतिहास और परंपरा के साथ खिलवाड़ के प्रति धर्म-निरपेक्षतावादी दलों ने जो तिजतिजा और दुलमुल रवैया अपना रखा है उसने भी श्री आडवाणी को शायद यह सोचने को प्रेरित किया है कि एक ऐसा मिथक रचने का समय आ गया है जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वाधीनता संघर्ष का नेतृत्व करता दिखे, और इस तरह धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को हिंदू राष्ट्र में ढालने का शेख चिल्ली वाला सपना साकार किया जा सके।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सावरकर मिथक और सच | Savarkar Mithak Aur Sach |
| Author | शम्सुल इस्लाम / Shamsul Islam |
| Category | Biography Book in Hindi Historical Book in Hindi PDF History Book in Hindi Jeevani Book in Hindi PDF Jivan Charitra Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 150 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“यदि आप अपरिमित में जाना चाहते हैं, तो पहले परिमित को अच्छे से जान लेने का प्रयत्न करें।” ‐ जोहेन वोल्फ़्गेंग गोथ
“If you wish to advance into the infinite, explore the finite in all directions.” ‐ Johann Wolfgang Goethe
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












