एक जिंदगी और : से .रा .यात्री द्वारा हिंदी पुस्तक | Ek Jindgi Aur : By Se. Ra. Yatri Hindi Book
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | एक जिंदगी और | Ek Jindgi Aur |
Author | Se. Ra. Yatri |
Category | उपन्यास / Novel |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 168 |
Quality | Good |
Download Status | Not for Download |
एक जिंदगी और पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : “सच्ची बात बहुत कड़वी लगती है मगर क्या करें, कहनी ही पड़ती है। दरअसल आपने शालू से शादी सिर्फ इसलिए की है कि आपको उसकी कमाई की. दरकार थी। वह बेचारी खट रही है और इसकी कमाई पर आपका सारा कुनबा मौज उड़ा रहा है। बस आप तो यही चाहते हैं कि आपकी जरूरतों को शालू पूरा करती रहे, फिर चाहे वह जीये या मरे। आपकी नीयत से साफ जाहिर है कि आपने हमारी बेटी से शादी महज उसे दुहने के लिए की है। आपका छोटा भाई डॉक्टरी में किसके बूते पर पड़ रहा है? और मुझे तो यह भी अन्देशा है कि आप अपने घर की जरूरतें पूरी करने के सिलसिले में शालू के गहने-पत्ते भी बेच डालेंगे। इस बेबस लड़की के पास तब क्या रह जायेगा? इसकी तो आपके घर में कोई सिक्योरिटी भी नहीं है।
मैं आपको एक बात साफ-साफ बतला देना चाहता हूँ जब तक आप अपने और शालू के लिए अलग मकान नहीं ले लेते वह आपके साथ उस दड़बे में नहीं जायेगी। वह उस नरक में कब तक सड़ती रहेगी? उसके गहने भी घर की बजाय लॉकर में रखिए।
“अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाएं, अपने अतीत को नहीं।” – स्टीफन कोवि
“Live out of your imagination, not your history.” – Stephen Covey
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें