सुबह की पहली किरण : हीरा साधक | Subah Ki Pehli Kiran : By Hira Sadhak Hindi Book
सुबह की पहली किरण पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : रचनाकार अपनी भावनाओं को कविता, कहानी, नाटक आदि विधाओं के माध्यम से व्यक्त करता है। रचनाकार की वे भावनाएँ उन अनेक चरित्रों से अनुप्राणित होती हैं, जिनके संसर्ग में यह आता है। मुझे भी न जाने कितने चरित्रों में प्रभावित किया है। इन कहानियों में इन्हीं अनाम चरित्रों का संसार चित्रित हुआ है। मैं इन सभी के प्रति हृदय से आभारी हूँ।
इस संकलन की कहानियां मूलतः बंगला भाषा में लिखी गयीं तथा ‘प्रसाद’, ‘नवकलोल’ तथा ‘प्रतिदिन’ जैसी पत्रिकाओं में छपीं एवं चर्चित रहीं। मैं इन सभी पत्रिकाओं के सम्पादकों के प्रति कृतज्ञ हूँ।
हिन्दी के मूर्धन्य कथाकार तथा ख्यातिलब्ध रचनाकार श्री कमलेश्वर का मैं ऋणी हूँ, जिन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद इन कहानियों को पढ़ा और इन पर अपना अभिमत दिया। ओ कमलेश्वर के स्नेह से मुझे तथा मेरी पत्नी मंजुश्री को बहुत प्रोत्साहन मिला है।
मेरी पत्नी श्रीमती मंजुश्री ने गृह कार्यों में अपनी सारी व्यस्तताओं के चलते मेरी कहानियों का हिन्दी में अनुवाद किया तथा एक विशाल पाठक समुदाय के समक्ष इन कहानियों को प्रस्तुत करने में अमूल्य सहयोग दिया। इसके लिए मैं उन्हें शाब्दिक आभार देकर उनके श्रम को महत्ता कम नहीं करना चाहता।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सुबह की पहली किरण | Subah Ki Pehli Kiran |
| Author | हीरा साधक / Hira Sadhak |
| Category | कहानी संग्रह / Story Collections Motivational Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 152 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“खुशी, दुख से कहीं अधिक पवित्र होती है; चूंकि खुशी रोटी है और दुख दवा है।” बीचर
“Joy is more divine than sorrow; for joy is bread, and sorrow is medicine.” Beecher
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