Suraj Ka Satva Ghoda : By Dharmaveer Bharti Hindi Book | सूरज का सातवाँ घोड़ा : धर्मवीर भारती द्वारा हिंदी पुस्तक
सूरज का सातवाँ घोड़ा पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ प्रख्यात कवि, कथाकार डॉ. धर्मवीर भारती का एक ऐसा सफल प्रयोगात्मक उपन्यास है जिसे लाखों ने पढ़कर और इसी उपन्यास पर बनी फ़िल्म को देखकर भरपूर सराहा है।
‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ उनके अत्यन्त लोकप्रिय उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ से बिल्कुल अलग कथ्य, शैली और शिल्प का उपन्यास है। दरअसल इसमें हमारे निम्न मध्य वर्ग के जीवन का सही- सही चित्रण है। यह सत्य है कि वह चित्र ‘प्रीतिकर या सुखद नहीं है; क्योंकि उस समाज का जीवन वैसा नहीं है और भारती ने यथाशक्य उसका सच्चा चित्र उतारना चाहा है पर वह असुन्दर या अप्रीतिकर भी नहीं है, क्योंकि वह मृत नहीं है, न मृत्यु-पूजक ही है। उसमें दो चीजें हैं जो उसे इस खतरे से उबारती हैं- एक तो उसका हास्य, दूसरे एक अदम्य और निष्ठामयी आशा।’
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सूरज का सातवाँ घोड़ा | Suraj Ka Satva Ghoda |
| Author | Dharamvir Bharati |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 88 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“एक श्रेष्ठ व्यक्ति अपनी बोली में पीछे लेकिन अपने कर्म में आगे रहता है।” कन्फ़्यूशियस, दार्शनिक और शिक्षक
“A superior man is modest in his speech, but exceeds in his actions.” Confucius, philosopher and teacher
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