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तिरुपति बालाजी : बनवारी लाल कंछल | Tirupati Balaji : By Banwari Lal Kanchhal Hindi Book

तिरुपति बालाजी : बनवारी लाल कंछल | Tirupati Balaji : By  Banwari Lal Kanchhal Hindi Book
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तिरुपति बालाजी पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : नारद का चक्रव्यूह द्वापर युग का अंतिम चरण था जब भगवान् विष्णु, कृष्ण का अवतार समाप्त करके वैकुन्ठ को चले गये, तो पृथ्वी में बहुत हाहाकार मच गया। भगवान् ब्रह्मा यह सोच कर बहुत चिन्तित हो गये कि विष्णु भगवान अब कब नया अवतार लेंगे? इस विषय में वह बड़े-बड़े ऋषियों से सलाह ले ही रहे थे, तभी उनके पुत्र नारद ‘नारायण नारायण’ कहते हुए पहुँच गये। ब्रह्मा ने कहा, “नारद! तुम्हारे आने से मैं बहुत प्रसन्न हूँ।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name तिरुपति बालाजी | Tirupati Balaji
Author
Categoryहिन्दू / Hinduism Hindi Books लोक कथाएं / Lok Kathayein Hindi Books Bhakti Book in Hindi | भक्ति Religious Books in Hindi PDF
Language
Pages 80
Quality Good
Download Status Not for Download
“विषम परिस्थितियों के कठोर प्रहारों से ही चरित्र का निर्माण होता है।” आरनॉल्ड ग्लासौ
“It’s only by the hard blows of adverse fortune that character is tooled.” Arnold Glasow

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