कबीर के दोहे / Kabir ke Dohe
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | कबीर के दोहे / Kabir ke Dohe |
Author | Unknown |
Category | Uncategorized, धार्मिक / Religious, Kabir Ke Dohe |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 36 |
Quality | Good |
Size | 280 KB |
Download Status | Available |
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कबीर के दोहे पुस्तक का कुछ अंश : भावार्थ – रानी को यह नीचा स्थान क्यों दिया गया, और पनिहारिन को इतना ऊँचा स्थान ? इसलिए कि रानी तो अपने राजा को रिझाने के लिए मांग सँवारती है, सिगार करती है और वह पनिहारिन नित्य उठकर अपने राम का सुमिरन…….
“आप जो अपने पीछे छोड़ जाते हैं वह पत्थर के स्मारकों पर गढ़ा नहीं बल्कि दूसरों के जीवन की यादों में बसा होता है।” पेरिकल्स
“What you leave behind is not what is engraved in stone monuments, but what is woven into the lives of others.” Pericles
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