उपनिषद रहस्य (एकादषोपनिषा) | Upanishad Rahasya (Ekadashopnisha)
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उपनिषद रहस्य (एकादषोपनिषा) पुस्तक का कुछ अंश : इतरा नामक माता के पुत्र (महीदास) एंतरेय के रचे हुए “छतरेयारण्यक ” और ऐतरेय ब्राह्मण नामक दो ग्रन्थ हैं। इन दोनों ग्रन्थों का सम्बन्ध ऋग्वेद से है। इसीलिए यह ‘डपनिषद् ऋग्वेदीय उपनिषद् कही जाती है। छान्दोग्योपनिषद् में लिखा है कि इन ऐतरेय ऋषि ने, ब्रह्मचर्य के प्रताप से ११६ वर्ष की आयु प्राप्त की थी। इनके रचे पहले (ऐतरेयारण्यक) ग्रन्थ में पाँच आरण्यक हैं जिनमें से दूसरे और तीसरे आरण्यक को उपनिषद् भाग कहते हैं। इनमें प्राण और ब्रह्मविद्या अनेक आध्यात्म विद्याओं का वर्णन है जिन्हें अब प्राणोपनिषद् आदि………..
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | उपनिषद रहस्य (एकादषोपनिषा) | Upanishad Rahasya (Ekadashopnisha) |
| Author | Shri Narayan Swami |
| Category | Religious Books in Hindi PDF हिन्दू / Hinduism Hindi Books Granth Book in Hindi PDF | ग्रन्थ |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 37 |
| Quality | Good |
| Size | 4.3 MB |
| Download Status | Available |
“समस्या से बचने के लिए प्रार्थना न करें। अपनी सहज भावनाओं के लिए भी प्रार्थना न करें। प्रत्येक स्थिति में भगवान की मर्जी का पालन करने के लिए प्रार्थना करें। इससे अलावा किसी अन्य प्रार्थना का कोई मूल्य नहीं है।” ‐ सेम्यूल एम. शूमेकर
“Don’t pray to escape trouble. Don’t pray to be comfortable in your emotions. Pray to do the will of God in every situation. Nothing else is worth praying for.” ‐ Samuel M. Shoemaker
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