Priya : By Namita Gokhale Hindi Book | प्रिया : नमिता गोखले द्वारा हिंदी पुस्तक
प्रिया पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : ‘…मेरे भीतर उम्मीद की किरण ने जन्म लिया। हम सब किसी-न-किसी तरह सब बाधाओं से पार होंगे। मेरा भारत और लेनिन का भारत और जिमी बटाटा का भी और नट आशा का इंडिया भी हम कलह, क्लेश, आइडियोलॉजी, न्यूमरोलॉजी और करप्शन इन सबसे पार पा लेंगे। आज और आने वाले कलों में भी, भारत आगे ही आगे बढ़ता जाएगा।’ सुरेश कौशल शाइनिंग इंडिया में राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते हुए शिखर पर पहुंच गया। अब वह मंत्री था। उसकी पत्नी प्रिया को भाग्य पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। वह आश्वस्त होना चाहती थी कि जो कुछ मिला है, वह समाप्त न हो जाए। वह समाज के दुष्चक्रों से बहादुरी के साथ मुकाबला करती है। बेवफाई और मोनोपॉज़ से बचने की भी कोशिश करती है। उसने इस सबके बीच जिंदा रहने के ज़रूरी पाठ भी पढ़ लिए थे ‘सब तरफ देखो, सब की सुनो और मौन साध लो!’ प्रिया का जबरदस्त आशावाद ही उसके जीवन का कवच बना और वह सफल होती गई।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | प्रिया | Priya |
| Author | Namita Gokhle |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 230 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“अगर आप सही राह पर चल रहे हैं, और आप चलते रहने के लिए तत्पर हैं, तो आप अंततः प्रगति करेंगे।” ‐ बराक ओबामा
“If you’re walking down the right path and you’re willing to keep walking, eventually you’ll make progress.” ‐ Barack Obama
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