फाइनेंसियल फ्रीडम : ग्रांट सबातियर द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Financial Freedom : by Grant Sabatier Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | फाइनेंसियल फ्रीडम / Financial Freedom |
Author | Grant Sabatier |
Category | Audiobooks, Business |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 55:01 mins |
Source | Youtube |
Financial Freedom Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : बेहतर और सुकून की जिंदगी हासिल करने के लिए हर कोई प्रयासरत रहता है। पैसे से कैसे पैसा बनाए जाए और कैसे फाइनेंशियल फ्रीडम यानी पैसों की चिंता से कैसे मुक्ति पाई जाए, इस कोशिश में हर कोई जीवन भर जूझता रहता है। लेकिन सफलता उन्हें मिलती है जो सही रणनीति के साथ जीवन में काम करते हैं। मंजिल तो हर कोई पाना चाहता है, लेकिन उसे पाने के लिए आपका प्रयास कैसा है और आप इसके लिए क्या तैयारी कर रहे हैं, ये काफी अहम होता है। अगर हर सपने सिर्फ सोचने से हो पूरे हो जाएं तो भीख मांगने वाला भी घोड़े पर भीख मांगने की इच्छा रखेगा। मंजिल पाने के लिए सिर्फ कोशिशभर से काम नहीं होता है, आपको निरंतर अनुशासन के साथ मेहनत करनी पड़ती है, फिर लक्ष्य आप हासिल करते हैं।
इस किताब के जरिए मेरी कोशिश है कि निवेश से जुड़ी सारी गलतियां जो एक निवेशक करते हैं, उसे उजागर किया जाए, साथ ही कैसे उन गलतियों को सुधारकर एक बेहतर निवेशक बना जाए, ये मेरी कोशिश है। शुरुआती दौर में कोई भी निवेशक जब निवेश का इरादा बनाएं तो इस किताब को जरूर पढ़ें, मुझे उम्मीद है कि उन्हें कुछ ऐसी सलाह जरूर मिल जाएगी जो उनके निवेश लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है। निवेश की दुनिया में पहला कदम रखने वाले निवेशकों के लिए कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनका इस्तेमाल वो निवेश में हर दौर में कर सकते हैं। हम हमेशा सुनते हैं कि अच्छे निवेश विकल्पों में निवेश करना चाहिए, लक्ष्य के मुताबिक निवेश करना चाहिए, लेकिन जब हम अपने फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरूआत ही कर रहे हैं तो, कैसे तमाम विकल्पों को समझें, अच्छे निवेश विकल्प को कैसे चुनें, कोई भी निवेश प्रोडक्ट खरीदने से पहले आखिर क्या देखना जरूरी होता है, इन तमाम उलझनों को दूर करने में आपका वित्तीय सलाहकार यानी फाइनेंशियल गाइड यानी मैं आपकी मदद करूंगा। आम लोगों को निवेश की दुनिया बेहद जटिल लगती है। और जटिलता की वजह भी है, क्योंकि उन्हें इन सब बातों की जानकारी ऐसी भाषा में परोसा जाता है कि उनके मन में भय पैदा हो जाता है, और वो इसमें रमने की बजाय इससे दूर रहने की कोशिश करने लगते हैं।
अगर आपको सरल और जटिल में से चुनने को कहा जाए तो आप जटिल को चुनेंगे। जटिल काम चुन तो लेते हैं, लेकिन समझने में दिक्कतें होने पर इससे दूर भी होते चले जाते हैं। हम अक्सर किसी समस्या के सरल समाधान को पहले ही यह मानकर खारिज कर देते हैं कि यह काम नहीं करेगा। निवेश के मामले में भी हम जटिल को चुनने में ज्यादा भरोसा रखते हैं। असल में यह गलत अवधारणा है। जो जटिल है, वह बेहतर ही होगा, ऐसा जरूरी नहीं है। पर्सनल फाइनेंस से लेकर निवेश तक किसी भी चुनाव के समय हमें सरल की ओर जाने की आदत डालनी चाहिए। ऐसा प्रोडक्ट चुनना जरूरी नहीं है, जिसे समझने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी पड़े। निवेश की दुनिया में जटिल शब्दों का प्रयोग आम बात है। क्योंकि जो भी विशेषज्ञ हैं वो काफी मेहनत से इस जटिलता को समझते हैं, तो फिर उनकी भाषा में भी जटिलता आ जाती है, और उसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। हम भी मान लेते हैं कि अगर कोई जटिल भाषा में बोल रहा है तो वो बड़ा जानकार है। लेकिन ऐसा नहीं है कि जटिल भाषा में बात करने वाला हर कोई बड़ा जानकार ही होता है। देश में आज पर्सनल फाइनेंस को लेकर जागरुकता की कमी है इसकी वजह भी जटिल शब्दों का प्रयोग है। कई बार कम जानकारी की वजह से भी लोग जटिल शब्दों का प्रयोग करते हैं। निवेश से जुड़े कई मामले जैसे बैंक खाते से लेकर क्रेडिट कार्ड, म्यूचुअल फंड, बीमा और ब्रोकरेज अकाउंट या कोई भी निवेश विकल्प सभी इस तरह से तैयार किया गया है कि लोगों को समझने में काफी मुश्किलें होती हैं। मेरा मानना है निवेश वहीं करना चाहिए जो आपको आसानी से और पूरी तरह समझ में आ जाए।
मेरा साफ तौर पर मानना है कि एक निवेशक को अपनी समझ और परिस्थितियों के आधार पर निवेश का फैसला लेना चाहिए। इसमें कोई बड़ा फॉर्मूला नहीं है। एक सफल निवेशक बनने के लिए सिर्फ अपने आंख और कान खुले रखें, इसमें और कोई भी अनोखा गणित नहीं है। गणित की बात करें तो सिर्फ अगर आप जोड़, घटाव, गुणा और भाग भी जानते हैं तो इतना एक सफल निवेशक बनने के लिए पर्याप्त है। इस किताब के जरिए मैं ये बताने की कोशिश कर रहा हूं, कि कैसे कुछ खास नियमों पर चलकर आप एक सफल निवेशक बन सकते हैं।
“शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वह एवरेस्ट पर्वत का शिखर हो या आपके पेशे का।” – ऐ पी जे अब्दुल कलाम
“Climbing to the top demands strength, whether it is to the top of Mount Everest or to the top of your career.” – APJ Abdul Kalam
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