लक्ष्मण-रेखा : भगवती शरण मिश्रा | Lakshman-Rekha : By Bhagwati Sharan Mishra Hindi Book
लक्ष्मण-रेखा पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : उपन्यास और कहानी के लिए किसी भूमिका की अनिवार्यता नहीं वस्तुतः बिना भूमिका के ही ये कृतियाँ भली क्योंकि कहीं मूल से मूल कथा की ओर इंगित भी हो गया तो पुस्तक पढ़ने का सारा उत्साह ही समाप्त।
तो मैं यह गलती करने नहीं जा रहा कथा रही अपनी जगह पर, यह भूमिका अपनी जगह।
वस्तुतः मुझे कथा को लेकर कुछ लेना-देना भी नहीं उसकी वकालत करने में क्यों बैठूं मैं उसका सध्या बोलना होगा तो वह स्वयं बोलेगी अपनी पहचान गड़ लेगी। हर पिता की यही आकांक्षा होती है कि उसकी संतान अपने पैरों पर खड़ी हो जाए। पिता नामक जीवधारी के नाम यश की वैसाखी वह घुमा फेंके हर कृति लेखक की संतान से होती है उसे वह बैसाखी नहीं थमाना वास्ता है तो यह व्याख्या नहीं है इस बात की कि यह कथा क्यों और कैसे लिखी गई. साथ ही इसकी भी कि यह क्यों और कैसे अत्यंत सरल उपयोगी और उपन्यास की सारी विशेषताओं से संपन्न है। यह ऐसी होगी तो पाठक स्वयं उसके साक्षी बनकर खड़े हो जाएंगे जैसे वे अब तक मेरी सारी कृतियों के साथ करते रहे हैं। अतः एक तरह से यह उपक्रम पाठकों को साधुवाद देने का भी हुआ क्योंकि लेखक और पाठक अक्सर आमने-सामने नहीं हो पाते।
पाठकों के लिए अपने कृतज्ञता ज्ञापन के पश्चात में अपनी बात पर आऊँ जिसके लिए यह भूमिका गढ़नी पड़ी। में पुस्तक को लेकर नहीं, उसके नाम को लेकर कुछ अवश्य कहना चाहता हूँ।
पुस्तक में यह शब्द-रेखा कई बार आया है पर मात्र यही घटना इस शब्द को शीर्ष स्थान नहीं दिला देती इसे शीर्षक के रूप में प्रतिष्ठित नहीं कर देती।
शीर्षक वह, जो पुस्तक के मूल स्वर को पकड़ सके। उसके कथ्य की संपूर्णता को एक-दो शब्दों में ही समेट ले। अतः शीर्षक का चयन मेरे लिए सदा कृति के प्रस्तुतीकरण से अधिक कठिन रहा है।
पुस्तक का मूल विषय अथवा यदि शास्त्रीय शब्दावली का सहारा लूँ तो प्रतिपाद्य पर्यावरण है। पर्यावरण की रक्षा की ओर उसके प्रदूषण को नियंत्रित करने की ओर, विश्व के सभी बुद्धिजीवियों का ध्यान आकृष्ट हुआ है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | लक्ष्मण-रेखा | Lakshman-Rekha |
| Author | भगवती शरण मिश्रा / Bhagwati Sharan Mishra |
| Category | Environment Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 164 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“दुनिया में आज का दिन सर्वोत्कृष्ट दिन है।” ‐ आर.ए.कैम्बैल
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