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स्वर्णलता : तिलोत्तमा मिश्रा | Svarnalata : By Tillotama Mishra Hindi Book

स्वर्णलता : तिलोत्तमा मिश्रा | Svarnalata : By Tillotama Mishra Hindi Book
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पुस्तक के कुछ अंश

उन्नीसवी सदी के प्रारंभ में धर्म-प्रचार के उद्देश्य से असम में आए अमेरिकन बैप्टिस्ट मिशनरियों ने मनोयोगपूर्वक असमिया भाषा और साहित्य के विकास के लिए पेष्ट कार्य किया था। उन लोगों ने असमिया शब्दकोष और व्याकरण की रचना करके असमिया भाषा की नींव को सुदृढ़ करने के अतिरिक्त रचनात्मक, धार्मिक और व्यावहारिक पुस्तकें भी लिखी थीं और ‘अरुणोदय’ नाम की एक पत्रिका भी निकाली थी। उनकी भाषा-निश्चय ही सरत थी, किंतु उसमें पश्चिमी स्वर ध्वनित होता था। बाद में शब्दकोषकार हेमचन्द्र बरुआ ने इस भाषा को विज्ञान सम्मत रूप दिया।
मिशनरियों में ए. के. गार्नि ने ‘कामिनीकान्तं, फूलमनि करुणा आदि कहानियो लिखी थीं। इनमें उपन्यास की कलात्मकता नहीं थी। प्रचारधर्मी वर्णनात्मकता ही इन रचनाओं में नहीं थी। उसके बाद पद्मावती देवी फूफन’ ने सन् 1884 में सुधर्मा का उपन्यास लिखा यह भी प्रकृत उपन्यास की श्रेणी में नहीं आ सका। प्रकृत उपन्यास का जन्म हुआ थालक्ष्मीनाथ ‘बेजबरुआ’ और पद्मनाथ गोहांई बरुआ के द्वारा इनका युग रोमटिक विस्तार का युग था। यह कहा जा सकता है कि बेजबरुआ के ‘पद्मकुंवरी’ (1905) और गोडाई ‘बरुआ’ के ‘मानुपती (1891) और ‘लाहरी’ (1992) में उपन्यास के लक्षण प्रगट हुए थे फिर भी श्यावस्तु की शिथिलता और उपन्यास के लिए उपयुक्त जीवन-दृष्टि के अभाव में इन लोगों की रचनाएं कालांतर में पूरी तरह धूमिल पड़ गई। इसके पश्चात् लेखक शरतचन्द्र गोस्वामी का पानीपय’, देवचन्द्र तालुकदार’ का ‘अपूर्ण’, दण्डिनाथ ‘कलिता’ का ‘साधना’ आदि को उपन्यास कहा जा सकता है फिर भी अत्यधिक आदर्शात्मक होने के कारण वे जनप्रिय नहीं हुए। रोपांटिक युग के श्रेष्ठ उपन्यासकार थे रजनीकान्त बरदते। उन्होंने वाल्टर स्कॉट और वकिमचन्द्र की शैली का अनुसरण करते हुए कई ऐतिहासिक उपन्यास लिखे जिनके भीतर ‘मनोबती’, ‘रहदोई लिगिरी’, ‘रंगीली’, ‘निर्मल भकता’, दन्दुआ द्रोह’ आदि प्रमुख हैं। इनमें अतीत के गौरव अध्यात्म की ध्वनि प्रतिध्वनि और वैष्णव परंपरा का आभास होने के अतिरिक्त नारी चरित्र का वैशिष्ट्य भी है। उनके “मिरि जियरी’ उपन्यास में मिसिंग जनजाति की दुखांत कहानी का विनीत चित्रण हुआ है।

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पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name स्वर्णलता | Svarnalata
Author
CategoryNovel Book in Hindi PDF
Language
Pages 210
Quality Good
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“जब हम किसी नई परियोजना पर विचार करते हैं तो हम बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं – केवल सतह मात्र का नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का।” ‐ वाल्ट डिज़्नी
“When we consider a new project, we really study it – not just the surface idea, but everything about ¡t.” ‐ Walt Disney

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