मेरी मनपसंद परी कथाएँ : करिश्मा | Meri Manpasand Pari Kathaen : By Krishma Hindi Book
मेरी मनपसंद परी कथाएँ पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : लिटिल रेड राइडिंग हुड एक छोटी- सी लड़की थी, जो हमेशा लाल रंग की एक छोटी-सी टोपी पहने रहती थी, जो उसे उसकी दादी माँ ने दी श्री उसको दादी माँ जंगल में स्थित एक छोटे-से घर में रहती थी।
एक दिन उसकी माँ ने उससे कहा, “तुम्हारी दादी माँ बहुत बीमार हैं। तुम उनके लिये केक और दया से ओलेकिन एक बात य रखना। रास्ते में कहीं भी रुककर किसी अजय से बात करना नहीं तो तुम मुसीबत में फेस ओगी।” फिर रेड राइडिंग हुड केक और दवा लेकर अपनी दादी माँ के घर की ओर चल दी। जंगल में उसे एक मक्कार भेड़िया मिला। उस प्यारी सी छोटी बच्ची को देखकर उसके मुँह से लार टपकने लगी। तब उसने रेड राइडिंग हुड से पूछा, “रेड राइडिंग हुड, तुम इतना लोकर इस वक्त कहाँ जा रही हो? मुझे भी बताओ।”
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | मेरी मनपसंद परी कथाएँ | Meri Manpasand Pari Kathaen |
| Author | करिश्मा / Krishma |
| Category | कहानी संग्रह / Story Collections Comics Books in Hindi Entertainment Book in Hindi PDF Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 92 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“छोटी बुराई को अपने पास न आने दें क्योंकि अन्य बड़ी बुराईयां सुनिश्चित रूप से इसके पीछे-पीछे आती हैं।” ‐ बाल्टासार ग्रेसिय
“Never open the door to a lesser evil, for other and greater ones invariably follow it.” ‐ Baltasar Gracian
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