रामगाथा : रमानाथ त्रिपाठी | Ramgatha : By Ramanath Tripathi Hindi Book
पुस्तक के कुछ अंश : महामानव राम का जीवन और चरित्र भारतीय समाज और संस्कृति का सदा से प्राण रहा है। परंतु उनकी जिस कथा से हम परिचित हैं वह तुलसीदास
की रामायण से प्रभावित है। वास्तव में रामकथा का ऐतिहासिक और प्राचीनतम आधार वाल्मीकि कृत रामायण है जिसके अनुसार राम का चरित्र प्रचलित मान्यता से बहुत कुछ भिन्न है।
राम तथा उनसे संबंधित साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान डॉ. रमानाथ त्रिपाठी ने अपने इस उपन्यास का आधार वाल्मीकि रामायण को बनाया है। इसमें उन्होंने बड़े रोचक ढंग से और प्रमाणों सहित राम के विलक्षण जीवन और चरित्र को चित्रित किया है। साथ ही रामायण युग के जन-जीवन, रहन-सहन, परिवेश और वातावरण की सजीव झांकी भी प्रस्तुत की है। इस महत्वपूर्ण विषय पर सम्भवतः यह हिन्दी का प्रथम उपन्यास है।
वर्षों के परिश्रम से लिखा यह उपन्यास सभी दृष्टियों से अपूर्व और पठनीयता की दृष्टि से अत्यन्त प्रवाहपूर्ण है। इसे पढ़ते हुए पाठक न केवल राम के वास्तविक युग में पहुंच जायेंगे बल्कि उन्हें जीते-जागते मानव के रूप में भी देख सकेंगे।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | रामगाथा | Ramgatha |
| Author | Ramanath Tripathi |
| Category | Religious Books in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 224 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“इस सीमित संसार में भौतिक सुखों की असीमित वृद्धि होते जाना असंभव है।” ई एफ शूमाकर
“Infinite growth of material consumption in a finite world is an impossibility.” E. F. Schumacher
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