सीमाएं : रामकृष्ण पाण्डेय आमिल | Simaem : By Ramkrishna Pandey Amil Hindi Book
सीमाएं पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : स्त्री देह के प्रति बढ़ती योगातुर पुल्लिंग- प्रयत्न हमें ‘भग दूब बह जाय’ वाली परिणिति पर ला पटकता है और हम ‘पुनरपि जन्म, पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे शयनं’ में काराबद्ध होने को बाध्य हो जाते हैं। प्रेम में वासना मूलतः अनिवार्य तो नहीं लेकिन यह निर्विवाद सत्य है कि साधक न तो स्वैण होता है और न ही क्लीव हाँ, सौन्दर्य को आत्मसात करने का उसका अपना अलग निरख-बिन्दु होता है। ‘सीमाएँ’ का नायक इन्हीं सब द्वन्द्रों से गुजरते हुए, सौभाग्य से ऐसी युवही से दो-चार होता है जो परिपक्व मानसिकता सहित सुलझे विचारों वाली है। यदि हर व्यक्ति को ऐसी अर्धांगिनी मिल जाए तो पृथ्वी तल की बहुतांश मतभेदी समस्याएँ स्वतः हल हो जाएं। उपन्यासकार ने बड़े सलीके से देहाभिमान और आकर्षण के अटूट पंचबाण से नायक को बचाते हुए केवल अंतिम परिच्छेद में ही नाविका को भुजपाश में सिमटने दिया है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | सीमाएं | Simaem |
| Author | रामकृष्ण पाण्डेय आमिल / Ramkrishna Pandey Amil |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 196 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“कुशलतापूर्वक किसी की बात सुनना अकेलेपन, वाचालता और कंठशोथ का सबसेबढ़िया इलाज है।” ‐ विलियम आर्थर वार्ड
“Skillful listening is the best remedy for loneliness, loquaciousness, and laryngitis.” ‐ William Arthur Ward
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