टूटी हुई बिखरी हुई / Tooti Huyi Bikhari Huyi
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | टूटी हुई बिखरी हुई / Tooti Huyi Bikhari Huyi |
Author | Shamsher Bahadur Singh |
Category | Uncategorized, साहित्य / Literature, Kavita, Literature, Poem |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 171 |
Quality | Good |
Size | 2 MB |
Download Status | Available |
टूटी हुई बिखरी हुई पीडीऍफ़ पुस्तक का संछिप्त विवरण : हम पिछले लगभग तीस वर्षों से शमशेर जी की कविता के अथक और लागबहग निर्लज्ज
प्रशंसक रहे हैं। हमारी काव्य-रूचि के निर्माण में शमशेर जी कविता का बड़ा हाथ रहा है। लेकिन उम्मीद है
कि इस चयन में उनकी कविता की दुनिया का विस्तार, उसकी गहनता और उनके सरोकारों के बदलते रूप
और उनकी बुनियादी अतिजीवनी भी जाहिर हो.
Tooti Huyi Bikhari Huyi PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran :
Short Description of Tooti Huyi Bikhari Huyi Hindi PDF Book
“बुद्धिमान व्यक्ति बोलते हैं क्योंकि उनके पास बोलने के लिए कुछ होता है, मूर्ख व्यक्ति बोलते हैं क्योंकि उन्हें कुछ बोलना होता है।” ‐ प्लैटो
“Wise men speak because they have something to say; Fools because they have to say something.” ‐ Plato
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