जीत आपकी : शिव खेड़ा द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Jeet Aapki : by Shiv Kheda Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | जीत आपकी / Jeet Aapki |
Author | Shiva Kheda |
Category | हिंदी ऑडियोबुक्स / Hindi Audiobooks, प्रेरक / Motivational |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 8:48 hrs |
Source | Youtube |
Jeet Aapki Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : आप ऐसे लोगों से मिले ही होंगे जो अपनी ज़िंदगी बेमक़सद गुज़ार रहें हैं। ऐसे लोग किस्मत के रास्ते से जो भी पाते हैं, उसे ही कबूल कर लेते हैं | चंद लोग ही होते हैं जिन्हें क़ामयाबी तुक्के से मिल जाती है, पर ज़्यादातर लोग तो नाख़ुशी और हताशा में ही ज़िंदगी गुज़ार देते हैं । यह किताब ऐसे लोगों के लिए नहीं है, जिनमें क़ामयाबी हासिल करने के लिए न तो पक्का इरादा होता है, ता ही इसके लिए वे वक़्त निकालते हैं और न क़ामयाब होने के लिए कोशिश करते हैं। यह किताब आपके लिए है। सीधी-सी बात है कि आप इस किताब को पढ़ रहे हैं। जिससे ज़ाहिर होता है कि आप अपनी ज़िंदगी को और भी बेहतर और खुशहाल बनाना चाहते हैं। आपकी क़ामयाबी के रास्ते में यह किताब मददगार साबित हो सकती है।
यह किताब आपको नए लक्ष्य बनाने, एक नए उद्देश्य की समझ पैदा करने और आपके ख़ुद के बारे में और आपके भविष्य के बारे में नए विचार पैदा करेगी। जैसा कि किताब के नाम से ही ज़ाहिर है, यह आपको अपनी पूरी ज़िंदगी बनाने में मदद करेगी। लेकिन आप इस किताब की ख़ास बातों का फ़ायदा एक सरसरी नज़र में या पूरी किताब को एक बारी में गटक लेने से नहीं उठा सकते | इसके आपको एक बार में सिर्फ़ एक ही अध्याय, बहुत धीरे-धीरे और समझते हुए पढ़ना होगा । जब तक एक अध्याय की सारी बातें अच्छी तरह से न समझ लें, अगले अध्याय को पढ़ने के लिए जल्दबाज़ी न करें | आप इसे एक “वर्कबुक’ की तरह इस्तेमाल करें। आपने समझा, क्या सोचा, सब इस वर्कबुक में साइड में लिखते जाएँ और किताब उन वाक्यों, पैराग्राफ़ों या हिस्सों पर निशान लगातें जाएँ, जो आपके लिए हों। हर अध्याय को पढ़ने के बाद उसकी ख़ास-ख़ास बातों पर अपने जीवनसाथी या दोस्तों से चर्चा ज़रूर करें | ख़ासकर वैसा कोई दोस्त या रिश्तेदार ख़ूबियों और स्वाभियों को अच्छी तरह से जानता हो । उसकी निष्पक्ष राय लिए मददगार होगी।
“धन से आज तक किसी को खुशी नहीं मिली और न ही मिलेगी। जितना अधिक व्यक्ति के पास धन होता है, वह उससे कहीं अधिक चाहता है। धन रिक्त स्थान को भरने के बजाय शून्यता को पैदा करता है।” ‐ बेंजामिन फ्रेंकलिन
“Money never made a man happy yet, nor will it. The more a man has, the more he wants. Instead of filling a vacuum, it makes one.” ‐ Benjamin Franklin
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