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तिलिस्माती मुँदरी : श्रीधर पाठक द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Tilismati Mundari : by Shri Dhar Pathak Hindi Audiobook

तिलिस्माती मुँदरी : श्रीधर पाठक द्वारा हिंदी ऑडियोबुक | Tilismati Mundari : by Shri Dhar Pathak Hindi Audiobook
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Tilismati Mundar Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : इस कहानी का बहुत सा प्रारंभिक भाग बनारस की प्रसिद्द मासिक पत्रिका ‘काशीपत्रिका’ में सन्‌ १८८७ और १८८८ में ऐसी भाषा में प्रकाशित किया गया था जो नागरी और फ़ारखी देनों अत्तरों में लिखी जा सके और सुगमता से सब को समझ में आ सके। वह पत्रिका अपने कलेवर में ऐसी ही भाषा का व्यवहार करती थी और दोनों. वर्णों को काम में लाती थी । यदि बह कुछ समय बाद बन्द न हो गई होती तो कहानो का शेष भाग भी उसमें छप जाता।
मुझे यह कहानी इतनी प्रिय थी और पत्रिका के पढ़ने वालों को भी इतनी पसन्द आई थी कि मैंने पक्का संकल्प कर लिया था कि कभी न कभी इसे समाप्त कर हिन्दी रसिके के सामने पुस्तक रूप में अवश्य उपस्थित करूँगा । इसी से आज इसे सब की सेवा में समपिंत करने का साहसी होता हूँ

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पुस्तक का विवरण / Book Details
AudioBook Name तिलिस्माती मुँदरी / Tilismati Mundar
Author
CategoryHindi Audiobooks Kahani Kahaniyan Book in Hindi PDF Story Book PDF in Hindi
Language
Duration 2:51:43 hrs
Source Youtube
“किसी भी नींव का सबसे मजबूत पत्थर सबसे निचला ही होता है।” ‐ खलील ज़िब्रान (१८८३-१९३१), सीरियाई कवि
“The most solid stone in the structure is the lowest one in the foundation.” ‐ Kahlil Gibran (1883-1931),Syrian poet

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