Dahshat : By Raghvendra Narayan Singh Hindi Book | दहशत : राघवेंद्र नारायण सिंह द्वारा हिंदी पुस्तक
दहशत पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : जीवन की राह सरल नहीं होती। मनुष्य के नहीं चाहने के बावजूद उसे मुश्किल भरे कालखण्ड से गुजरना ही पड़ता है। यह मानव जीवन की नियति है। दहशत की नायिका कविता भी समय के थपेड़ों से जूझती हुई आगे बढ़ने की कोशिश करती है। एक ओर उसे प्रोफेसर शर्मा का स्नेह मिलता है, तो दूसरी ओर साधु-वेशधारी आतंकियों से उसके जीवन को खतरा पैदा हो जाता है। जीवन के कठिन मार्ग में उसे सर्वेश का प्रेम सम्बल प्रदान करता है। अपनी डूबती नैया को संभालती प्रेम की बौछार में भीगती हुई वह निम्मी के करीब आती है। मिस रीता मदान और रविकान्त निखंज के साथ आफिस में काम करती हुई वह उस दहशत के साये से बाहर निकलने की कोशिश करती है जिसने उसे एक ही झटके में सातवें आसमान से लाकर पथरीली जमीन पर पटक दिया था, उसके सपनों को चूर-चूर कर दिया था।
दहशत में लेखक ने जीवन के सभी रंगों को समाविष्ट किया है। संक्षेप में, यह उपन्यास दहशत भरे माहौल में जीने को अभिशप्त आज के मनुष्य का समकालीन दस्तावेज है। सामाजिक यथार्थ को बेझिझक प्रस्तुत करता राघवेन्द्र नारायण सिंह का यह ताजा उपन्यास जीवन को सुन्दर ढंग से जीने के लिए प्रेरित करता है।
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | दहशत | Dahshat |
| Author | Raghvendra Narayan Singh |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 200 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“जब आप शहद की खोज में जाते हैं, तो आपको मधुमक्खियों द्वारा काटे जाने की संभावना को स्वीकर कर लेना चाहिए। (सफलता के मार्ग में कठिनाईयों का आना स्वभाविक ही है)” जोसेफ जोबर्ट
“When you go in search of honey you must expect to be stung by bees.” Joseph Joubert
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