डार्क रूम : आर.के. नारायण | Dark Room : By R.K. Narayan Hindi Book
डार्क रूम पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : रमानी ने इस बात का जवाब नहीं दिया, उलटे एक नया सवाल पूछ लिया, ‘आज खाने की सब्जी किसने चुनी है ?’ ‘क्यों?’ ‘बैंगन, ककड़ी, गाजर और पालक साल के बारहों महीने और महीने के तीसों दिन यही सब्जियाँ खानी पड़ती हैं। पता नहीं, कब इस घर में कुछ ढंग का खाने को मिलेगा। इसी खाने के लिए मैं दिन भर दफ्तर में काम करता हूँ और पचास खर्चे करोगी – इसके लिए पैसा चाहिए, उसके लिए चाहिए…। रसोइया ठीक से नहीं बना सकता तो खुद खाना बनाओ। इसके अलावा और क्या काम है तुम्हारा…।’
1 सावित्री पति और रसोइये के बीच घूम-घूमकर केले के पत्ते में रखी सब्जियाँ देखती रही और कहती रही, यह लाओ, वह लाओ। लेकिन यह काम बहुत आसान नहीं था क्योंकि खाने-पीने के मामले में रमानी की आदतें बहुत अनोखी थीं। ‘न जाने कब से तुम मुझे यह ककड़ी ही खिला रही हो क्या मैं इसी के लिए ज़िन्दा हूँ?’ ज़रा सी भी देर हो जाती तो वह कहता, ‘अच्छा, इस ककड़ी की सब्जी के लिए मुझे दफ्तर से छुट्टी लेनी पड़ेगी! क्या बात है! और मंडी की सबसे सस्ती सब्जी के लिए भी लोग इतने कंजूस क्यों हो जाते हैं… दो-चार टुकड़ों में ही पूरे परिवार को निबटा देना चाहते हैं। कुछ ज्यादा भी बनाई जा सकती थी यह… । खर्च कम करना है इसलिए… लेकिन और चीज़ों में तो खर्च कम नहीं किया जाता…।’
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | डार्क रूम | Dark Room |
| Author | R.K Narayan |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 130 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“जो तुच्छ मामलों में सत्य के साथ लापरवाह हो उस पर महत्त्वपूर्ण मामलों में ऐसा नहीं करने का भरोसा नहीं किया जा सकता है।” अल्बर्ट आइंसटीन
“Whoever is careless with the truth in small matters cannot be trusted with important matters.” Albert Einstein
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