दीवारों पर नृत्य : शमीम पदमसी | Diwaro Par Nritya : By Shamim Padamshi Hindi Book
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दीवारों पर नृत्य पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : शिव सहयादरी के पहाड़ों के बीच एक गाँव में रहती थी। कटाई के पर्व से पहले की रात थी और आसमान में बड़ा सुनहरा चाँद धीरे-धीरे निकल रहा था। उसके माता-पिता और दोनों बहनें कल के उत्सव के लिए खरीदारी करने बाज़ार गए हुए थे।
शिव ने कहा था कि वह बहुत थकी हुई है इसलिए बाज़ार नहीं जाएगी। सच तो यह था कि वह उनके वापस लौटने से पहले घर की सफाई करके उन्हें हैरान कर देना चाहती थी।
पर इतना सारा काम एक अकेली नन्हीं सी लड़की के बस का नहीं था इसलिए शिव धीरे से बोली, “काश!…”
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | दीवारों पर नृत्य | Diwaro Par Nritya |
| Author | शमीम पदमसी / Shamim Padamshi |
| Category | Hindi Children's Book PDF Kahani Kahaniyan Book in Hindi PDF Story Book PDF in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 32 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“हमें ऐसा साफ़ दृष्टिकोण दीजिए जिससे हम जान पाएं कि हमें कहां खड़ा होना है और किस बात के लिये खड़ा होना है – क्योंकि जब तक हम किसी बात के लिये खड़े नहीं होंगे हम किसी भी बात पर गिर जायेंगे।” ‐ पीटर मार्शल
“Give us clear vision that we may know where to stand and what to stand for – because unless we stand for something we shall fall for anything.” ‐ Peter Marshall
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