संसेट क्लब : खुशवंत सिंह | Sunset Club : By Khushwant Singh Hindi Book
संसेट क्लब पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मैं यह उपन्यास लिखना नहीं चाहता था। पचानवे का हो रहा था और पता नहीं था कि पूरा कर सकूँगा या नहीं। लेकिन कुछ करने को नहीं था, इसलिए परेशानी होने लगी। तब ‘आउटलुक’ पत्रिका की शीला रेड्डी ने सुझाया कि मैं पुराने मृत मित्रों के बारे में लिखूँ, जिनकी हमेशा चर्चा करता रहा। विचार दिमाग में जमा और मैंने यह लिखना शुरू किया। इसमें मैंने तथ्यों में कल्पना की मिलावट की है।
पाठकों को लगेगा कि जो मैंने लिखा है, वह कुरुचिपूर्ण है-भद्र समाज उसे स्वीकार नहीं करता। कोई बात नहीं में कभी लीपापोती या दिखावे की अच्छाई के लिए मशहूर नहीं रहा। अगर आपको इस किताब में कुछ अच्छा न लगे, उसे न पढ़ें।
यहाँ मैं दिवाकर हाजरा और नंदिनी मेहता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ और लछमन दास तथा राजिन्दर गंजू को, जिन्होंने मेरे उल्टे-सीधे शब्दों को व्यवस्थित करने की कोशिश की
Get more Hindi novel PDFs now – click here
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | संसेट क्लब | Sunset Club |
| Author | Khushvant Singh |
| Category | Literature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 196 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“आप जितनी ज्यादा मेहनत करते हैं, उतने ही किस्मती बनते जाते हैं।” ‐ गैरी प्लेयर
“The harder you work, the luckier you get.” ‐ Gary Player
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें












