संस्कृत पुस्तकें ગુજરાતી પુસ્તકો मराठी पुस्तके বাংলা বই

पलकों की छाव तले : रविशेखर वर्मा | Palakon Ki Chhava Tale : By Ravishekhar Verma Hindi Book

पलकों की छाव तले : रविशेखर वर्मा | Palakon Ki Chhava Tale : By Ravishekhar Verma Hindi Book
PDF डाउनलोड करने के लिए लिंक नीचे दिया गया है

पलकों की छाव तले पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : मध्यवर्गीय जीवन, उसके सपनों, आदर्शों और संवेदनाओं पर केन्द्रित इन कहानियों में लेखक ने समसामायिक जीवन के मानसिक और मूल्यगत द्वन्द्व को भी अभिव्यक्ति दी है। आधुनिक मानव-मन की चिरन्तन पीड़ा को ये कहानियाँ जितनी सहजता से शब्द देती हैं, वह उल्लेखनीय है।
संग्रह की कुछ कहानियाँ हमारे समाज की मूल्य संरचना को सीधे चुनौती देती हैं, मसलन, ‘माँ’ शीर्षक कहानी। इस कहानी में नायक उस स्त्री को माँ का सम्मान देकर प्रतिष्ठित करता है जिससे कभी उसके पिता ने अवैध शारीरिक सम्बन्ध बनाए थे। ऐसी ही कहानी ‘नई राहें’ है जिसमें एक वीतरागी साधु प्रेम में पड़कर वापस दुनिया में आ जाता है। अन्य कहानियाँ भी हमारे मन को झंकृत कर सोच का एक नया धरातल अन्वेषित करती हैं।
किसी भी वैचारिक झंडाबरदारी से मुक्त इन कहानियों की सहजता, सरलता और प्रवाहमयता इनको विशेष तौर पर पठनीय बनाती है। कहानियों की भाषा पात्रों और उनके परिवेश के पूरी तरह अनुकूल और अनायास ही पाठकों को अपने साथ बहा ले जाती है।
है

Click here to read more Hindi novels in PDF.

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name पलकों की छाव तले | Palakon Ki Chhava Tale
Author
CategoryLiterature Book in Hindi Novel Book in Hindi PDF
Language
Pages 144
Quality Good
Download Status Not for Download
"कल है लेकिन आज की याद है, और कल आज का सपना है।" खलील जिब्रानी
“Yesterday is but today’s memory, and tomorrow is today’s dream.” Khalil Gibran

हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें

Leave a Comment